मुंबई. महाराष्ट्र (Maharashtra) में किसी भी दल की सरकार नहीं बनी है। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद अब राज्य में राष्ट्रपति शासन लग गया है। इससे पहले केंद्र सरकार ने राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की मंजूरी दी। बता दें, राज्य में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिलने पर को सरकार का गठन नहीं हो पाया है। हालांकि एनडीए गठबंधन को राज्य में पूर्ण बहुमत मिला, लेकिन शिवसेना के सीएम सीट पर फिफ्टी फिफ्टी फॉर्मूले पर बात नहीं बनने की वजह से उसने बीजेपी से किनारा कर लिया है।
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बीजेपी और शिवसेना को बुला चुके राज्यपाल
बीजेपी और शिवसेना दोनों को राज्यपाल सरकार बनाने के लिए बुलाया था। उनके चांस खत्म हो गए। जिसके बाद राज्यपाल ने एनसीपी को सरकार के लिए आमंत्रित किया।
इससे पहले ही मोदी कैबिनेट ने राष्ट्रपति शासन पर फैसला ले लिया है। राष्ट्रपति को सिफारिश भेजी। इस बीच शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।
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कांग्रेस के विधायकों को नहीं था ऐतराज
जयपुर के फाइव स्टार होटल में बैठे कांग्रेस के विधायकों ने साफ कर दिया है कि विचारधारा को लेकर शिवसेना के साथ सरकार बनाने में देरी नहीं करनी चाहिए। वरिष्ठ
नेता केसी पड़वी और विजय वडेट्टीवार ने साफ कहा कि हम शिवसेना के साथ सरकार बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।