सीहोर। स्थानीय टाउन हॉल के सामने विशाल धरने में शामिल आशाओं ने केंद्र व राज्य सरकार से मांग की है कि वह आशा उषा एवं सहयोगिनियों को जीने लायक वेतन दे एवं किया गया वादा सरकारी कर्मचारी का दर्जा पूरा करें मजदूरों एवं कर्मचारियों द्वारा आयोजित विशाल धरने के साथ एकजुटता प्रकट करते हुए आशा उषा एवं सहयोगिनियों ने जोरदार नारेबाजी की धरने को संबोधित करते हुए आशा ऊषा एवं आशा सहयोगिनी एकता यूनियन की प्रदेश महासचिव श्रीमती ममता राठौर ने कहा कि केंद्र सरकार हमें सरकारी कर्मचारी का दर्जा नहीं दे रही है जबकि हम सारे काम सरकारी ही करते हैं और यह काम स्थाई प्रवृत्ति का ही है हमारी राज्य सरकार से मांग है कि वह हमें जीने लायक वेतन दे साथ में हमें सरकारी कर्मचारी का दर्जा दे एवं न्यूनतम वेतन 21000 रुपये हमें दिया जाए। शकुन पाटिल ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि प्रोत्साहन राशि में अनावश्यक रूप से जो कटौती स्थानीय स्तर पर की जाती है उसे तुरंत रोका जाए। स्थानीय प्रशासन आशाओं को अनावश्यक रूप से परेशान करता है उस पर भी तत्काल रोक लगाई जाए धरने के पश्चात रैली निकालकर जिलाधीश कार्यालय में प्रधानमंत्री महोदय एवं मुख्यमंत्री महोदय तथा संचालक स्वास्थ्य मिशन के नाम ज्ञापन दिया जिसमें यूनियन की सभी न्याय संगत मांगों को पूरा करने की मांग की गई है तथा प्रधानमंत्री से अनुरोध किया गया है कि वे श्रमिक विरोधी तमाम सभी कानूनों को तुरंत वापस लें एवं अमीरों को फायदा पहुंचाने वाली नीति को वापस करें देश की संपत्ति को बेचना बंद करें रैली में प्रमुख रूप से लता प्रजापति रुकमणी खत्री शकुन पाटिल बसु के किरणों के तले हुई के सुनीता कन्नौजिया, सुनीता राठौर, सुधा, शीला धुर्वे ने जोरदार नारेबाजी करवाई
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प्रेस विज्ञप्ति