रामपुर।करीब एक महीने पहले सीएए और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान यूपी के रामपुर में युवक मोहम्मद फैज खान की मृत्यु हो गई थी। जिसके बाद से ही शहर में तनावपूर्ण स्थिती बनी हुई थी। हालांकि खबर है कि एक महीने बाद वापस से शहर के हालात पटरी पर लौटने लगे हैं। प्रशासन अभी भी मामले में सख्ती बरत रहा है। वहीं फैज का परिवार घटना के एक महीने बाद भी अबतक सदमे से बाहर नहीं निकल पाया है। जहां फैज की मां को अभी भी अपने बेटे के लौटने की उम्मीद है तो वहीं पिता आसिफ खान और चाचा भूरा भाई इंसाफ की आस लगाए बैठे हैं। फैज की मां आज भी बेटे के इंतजार में अचानक से चीख उठती है।
फैज के पिता का कहना है कि फैज पूरे परिवार का ख्याल रखता था। अब उसकी सिर्फ याद रह गई है। फैज के पिता से जब इंसाफ के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इंसाफ करने वाले सिर्फ और सिर्फ ऊपर वाला है। साथ ही उन्होंने जिला प्रशासन पर भी कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि उन्हें अब तक पोस्टमार्टम की रिपोर्ट नहीं दी गई है। साथ ही कहा कि प्रशासन उन्हें जनाजे की भी इजाजत नहीं दे रहा था लेकिन भरोसे के बाद देर रात में सुपुर्द ए खाक किया गया। प्रशासन ने हत्या के विरोध में कोई आवाज न उठा सके इसलिए कड़ा पहरा रखा हुआ है। हालांकि परिवार ने अब तक किसी पर भी हत्या का मुकदमा दर्ज नहीं कराया है।
मौत पर उठ रहे सवाल
मामले में अब कई सवाल उठ रहे हैं। फैज की मौत गोली लगने से हुई थी जिसकी पुष्टी हो चुकी है। वहीं इससे पहले उसे रबर की बुलेट बताया जा रहा था। स्थानीय लोगों के मुताबिक, पुलिसकर्मियों ने बैरियर तोड़कर आगे जाने की वजह से फैज को गले में गोली मार दी जिस वजह से उसकी मौत हो गई। सभी शहर के लोग उलेमा के कहने पर सीएए के विरोध में शाहबाद गेट पर इकट्ठा होना चाहते थे।
होने वाली थी शादी
परिवार का कहना है कि फैज की मंगनी हो चुकी थी, इस महीने ही उसकी शादी थी। वहीं जिस परिवार से फैज का रिश्ता तय हुआ था वह भी सदमे में है। कुछ सामाजिक संगठन फैज को इंसाफ दिलाने के लिए आगे आए हैं लेकिन परिवार इसपर राजी नहीं हुआ।
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