महाराष्ट्र सरकार में कैबिनेट मंत्री और एनसीपी नेता जितेंद्र अवहद के इंदिरा गांधी के खिलाफ विवादित बयान के बाद प्रदेश की सियासत गर्म हो गई है, हालांकि उन्होंने बयान का खंडन करते हुए मामले में ट्वीट कर अपनी सफाई दे दी है। इससे पहले जितेन्द्र के बयान के बाद कांग्रेस ने आपत्ति दर्ज कराई थी।
अहवद ने बुधवार को महाराष्ट्र के बीडृ जिले में संविधान बचाओ संघर्ष समिति की तरफ से आयोजित रैली में भाषण देते हुए कहा था कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल थोपकर देश के लोकतंत्र का गला घोटने की कोशिश की थी। उस समय किसी ने उनके खिलाफ खुलकर कुछ नहीं बोला था। लेकिन पटना और अहमदाबाद से उनके इस फैसले का विरोध शुरू हो गया था। जनता की ताकत के सामने इंदिरा गांधी को भी हार मानना पड़ी थी। उनका बयान ऐसे समय आया जब नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्ट्रर (एनआरसी) के खिलाफ देशभर में बड़ी संख्या में विरोध प्रदर्शन हो रहा है।
अहवद ने साथ ही कहा था ''जब भी हिटलर जन्म लेता है, तो वह देश के जागरूक लोगों और विद्यार्थियों से भय खाता है, कि कहीं वह विद्रोह न कर दें। इस वजह से जेएनयू और अन्य विश्वविद्यालय के बच्चों के खिलाफ हमले किये जा रहे हैं। फिलहाल प्रदर्शन करने वाले बच्चों की संख्या ज्यादा नहीं है, लेकिन भविष्य में इसकी संख्या जरूर ज्यादा हो जाएगी। न तो हिंदू और न ही मुस्लिम लेकिन संविधान जरूर खतरे में है। बीजेपी जो भी करना चाहती है, उसे करने दो। अपने एक हाथ में तिरंगा रखो और दूसरे हाथ में संविधान की कॉपी और इस साजिश का विरोध करो। ''
इससे पहले शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने भी इंदिरा गांधी को लेकर विवादित बयान दिया था। उन्होंने इंदिरा गांधी की मुंबई में डॉन करीम लाला से मुलाकात का जिक्र किया था। हालांकि कांग्रेस के विरोध के बाद राउत ने अपना बयान वापस ले लिया था।
विवाद बढ़ने के बाद दी सफाई
कैबिनेट मंत्री अहवद ने ट्वीट के माध्यम से अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा है कि वह इंदिरा गांधी के प्रति बहुत सम्मान रखते हैं। आपातकाल को लेकर हमारे विचार अलग हैं, लेकिन एक सच है जो वह छुपाना नहीं चाहते । इंदिरा गांधी की तुलना मोदी और शाह से नहीं की जा सकती। यह दोनों उनके कद के करीब तक नहीं पहुंच सकते।
अहवद की सफाई पर कांग्रेस का शुक्रिया
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री अशोक चव्हाण ने जितेंद्र अहवद की सफाई के बाद उनका शुक्रिया किया है। उन्होंने साथ ही कहा है कि कांग्रेस अपने वर्तमान और पूर्व नेताओं के खिलाफ किसी भी तरह की बयानबाजी बर्दाश्त नहीं करेगी। इंदिरा गांधी ने देश की एकता के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी। वह अपने इच्छाशक्ति और फैसलों को लेकर जानीं जाती थी। अच्छा हुआ अहवद ने अपना बयान पर समय रहते सफाई दे दी है।
संजय निरुपम ने भी दी नसीहत
वहीं कांग्रेस के पूर्व नेता संजय निरूपम ने अहवद को नसीहत देते हुए ट्वीट कर कहा है कि उन्हें वर्तमान में रहने और पहले की राजनीतिक गलतियों को भूलने की जरूरत है। बता दें, अहवद के बायन के बाद एनसीपी बैकफुट पर आ गई थी। उनके इस बयान का विरोध कांग्रेस ने जमकर किया था। आपको बता दें, कांग्रेस और एनसीपी महा विकास अघाड़ी सरकार में शिवसेना की सहयोगी पार्टी हैं।
अहवद ने साथ ही कहा था ''जब भी हिटलर जन्म लेता है, तो वह देश के जागरूक लोगों और विद्यार्थियों से भय खाता है, कि कहीं वह विद्रोह न कर दें। इस वजह से जेएनयू और अन्य विश्वविद्यालय के बच्चों के खिलाफ हमले किये जा रहे हैं। फिलहाल प्रदर्शन करने वाले बच्चों की संख्या ज्यादा नहीं है, लेकिन भविष्य में इसकी संख्या जरूर ज्यादा हो जाएगी। न तो हिंदू और न ही मुस्लिम लेकिन संविधान जरूर खतरे में है। बीजेपी जो भी करना चाहती है, उसे करने दो। अपने एक हाथ में तिरंगा रखो और दूसरे हाथ में संविधान की कॉपी और इस साजिश का विरोध करो। ''
इससे पहले शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने भी इंदिरा गांधी को लेकर विवादित बयान दिया था। उन्होंने इंदिरा गांधी की मुंबई में डॉन करीम लाला से मुलाकात का जिक्र किया था। हालांकि कांग्रेस के विरोध के बाद राउत ने अपना बयान वापस ले लिया था।
विवाद बढ़ने के बाद दी सफाई
कैबिनेट मंत्री अहवद ने ट्वीट के माध्यम से अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा है कि वह इंदिरा गांधी के प्रति बहुत सम्मान रखते हैं। आपातकाल को लेकर हमारे विचार अलग हैं, लेकिन एक सच है जो वह छुपाना नहीं चाहते । इंदिरा गांधी की तुलना मोदी और शाह से नहीं की जा सकती। यह दोनों उनके कद के करीब तक नहीं पहुंच सकते।
अहवद की सफाई पर कांग्रेस का शुक्रिया
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री अशोक चव्हाण ने जितेंद्र अहवद की सफाई के बाद उनका शुक्रिया किया है। उन्होंने साथ ही कहा है कि कांग्रेस अपने वर्तमान और पूर्व नेताओं के खिलाफ किसी भी तरह की बयानबाजी बर्दाश्त नहीं करेगी। इंदिरा गांधी ने देश की एकता के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी। वह अपने इच्छाशक्ति और फैसलों को लेकर जानीं जाती थी। अच्छा हुआ अहवद ने अपना बयान पर समय रहते सफाई दे दी है।
संजय निरुपम ने भी दी नसीहत
वहीं कांग्रेस के पूर्व नेता संजय निरूपम ने अहवद को नसीहत देते हुए ट्वीट कर कहा है कि उन्हें वर्तमान में रहने और पहले की राजनीतिक गलतियों को भूलने की जरूरत है। बता दें, अहवद के बायन के बाद एनसीपी बैकफुट पर आ गई थी। उनके इस बयान का विरोध कांग्रेस ने जमकर किया था। आपको बता दें, कांग्रेस और एनसीपी महा विकास अघाड़ी सरकार में शिवसेना की सहयोगी पार्टी हैं।
Ladai Jari Hai Hindi News
राष्ट्रीय