नई दिल्ली. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आज कोरोना को लेकर देश को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने सरकार को कोरोना की तैयारी को लेकर कई सुझाव दिए। राहुल गांधी की इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की चर्चा सोशल मीडिया पर खूब हो रही है। यह प्रतिक्रिया सकारात्मक रूप में देखने को मिली है।
राहुल गांधी ने कहा- पूरे देश में लॉकडाउन लागू कर देना कोरोना वायरस का इलाज नहीं है। टेस्टिंग ही कोरोना से लड़ने का सही हथियार है। देश में ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग होनी चाहिए।
कई विशेषज्ञों से बात की
राहुल ने कहा कि बीते कुछ महीनों में उन्होंने देश के कई विशेषज्ञों से बात की है। लॉकडाउन कोरोना वायरस का समाधान नहीं है। जब हम लॉकडाउन से बाहर आएंगे तो वायरस तेज़ी से फैलेगा। लॉकडाउन से हमें वो वक़्त मिला है जिसमें हम अपनी तैयारियां पूरी कर सकें। अस्पतालों की स्थिति, मेडिकल उपकरण और स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बना सकें। ताकि जब वायरस का संक्रमण बढ़े तो हम उससे निपटने में सक्षम हों।
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टेस्टिंग ही उपाय
राहुल ने कहा कि टेस्टिंग के जरिए ही वायरस को फैलने से रोका जा सकता है। भारत में सिर्फ 10 लाख व्यक्ति पर 199 का ही टेस्ट हो पा रहा है। इसे बढ़ाने की जरूरत है। टेस्टिंग के जरिए ही वायरस का पता लगाया जा सकता है। बीते 72 दिनों में हमने हर ज़िले में औसतन 350 टेस्ट किए हैं, जो कि बेहद कम है। अगर हम वायरस को हराना चाहते हैं तो हमें टेस्टिंग बढ़ानी होगी। अभी हम सिर्फ़ उन मामलों को देख रहे हैं जो पॉजिटिव हैं और सिर्फ उनके आधार पर ट्रेसिंग कर रहे हैं। लेकिन इस तरह की टेस्टिंग से हम वायरस को पूरी तरह पकड़ नहीं पाएंगे कि कहां है और कितना असर डाल रहा है।
टेस्टिंग बढ़ाए और रणनीति बनाए
कांग्रेस सांसद ने कहा है कि टेस्टिंग में इजाफा हो और एक सुनिश्चित रणनीति बनाई जाए। मजदूरों और दिहाड़ी करने वालों के लिए खाद्य व्यवस्था बनाई जाए। ज़रूरतमंदों को राशन कार्ड दिया जाना चाहिए, न्याय स्कीम के तहत ग़रीबों के खाते में सीधे पैसा जाना चाहिए। कोरोना के ख़िलाफ़ तो लड़ाई अभी शुरू हुई है और ये लड़ाई लंबी चलेगी।
सरकार और विपक्ष के बीच लड़ाई का नहीं, कोरोना से लड़ने का समय
राहुल गांधी ने कहा कि ये समय सरकार और विपक्ष के बीच लड़ाई का नहीं है बल्कि ये कोरोना वायरस से लड़ने का समय है। उन्होंने सरकार के ज़रिए जारी किए गए आर्थिक पैकेज को बहुत थोड़ा बताते हुए और पैसे देने की बात की और प्रवासी मज़दूरों को लेकर रणनीति की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।उन्होंने सरकार को आगाह किया कि जल्दबाज़ी में कोरोना पर विजय पा लेने की बात नहीं करनी चाहिए।