नई दिल्ली. कोरोना वायरस के दौर में आर्थिक संकट से जूझ रहे देश के बीच दुनिया का सबसे अमीर मंदिर तिरुपति देवस्थानम की संपत्ति नीलाम किये जाने का फैसला मंदिर प्रशासन ने लिया है। भक्तों से दान में मिली 23 संपत्तियां नीलाम करने का फैसला लिया गया है। ये सभी संपत्तियां तमिलनाडु में हैं। सोशल मीडिया पर इसको लेकर विवाद भी खड़ा हो गया है। भाजपा नेता सहित कई लोगों ने इस फैसले को वापस लेने की मांग की है।
नीलाम करने के लिए बनाई दो समितियां
मंदिर का प्रबंधन करने वाले तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम बोर्ड ने इन संपत्तियों की नीलामी करने के लिए दो समितियां गठित की हैं। संपत्तियों में तमिलनाडु के विभिन्न जिलों में स्थित मकान और खेती की जमीन शामिल है।
डेढ करोड़ रखी नीलामी की राशि
प्रबंधन की मानें तो नियमित खर्चों के अलावा सुरक्षा और कर्मचारियों को वेतन देने के लिए करीब 125 करोड़ रुपये की जरूरत होती है। दो महीने से जारी लॉकडाउन की वजह से मंदिर को केवल हुंडी से होने वाली 400 करोड़ रुपये की आय का नुकसान हुआ है। मंदिर की आय का यह प्रमुख स्रोत है जो भक्तों द्वारा चढ़ाए गए दान के रूप में प्राप्त होते हैं। इन संपत्तियों की नीलामी की कीमत डेढ़ करोड़ रुपये रखी गई है।