लॉकडाउन के बाद ऑफिस वर्क के दौरान लोगों की लाइफस्टाइल में आए जरूरी बदलाव, क्या भारत इसके लिए तैयार है ?


सुयश भट्ट. लॉकडाउन के बाद से लोगों की जिंदगी में कई बदलाव आए हैं। ऐसे हम चर्चा कर रहे हैं लोगों की लाइफ स्टाइल के बारे में  और उनकी मानसकिता में बदलाव को लेकर। दरअसल किसी ने नहीं सोचा था कि इतना लंबा लॉक डाउन चलेगा। ऐसे में कामगारों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दी गयी है, जो अपने आप में एक चैलेंज की तरह है। प्राइवेट सेक्टर्स में शिफ्ट को 5-6 दिन की बजाए हफ्ते में 2 दिन कर दिया है। खैर डायरेक्ट कम्युनिकेशन इस तरह के कामों में बाधा बन रही है। इस दौरान नागरिकों को पारिवारिक स्तर पर जूझना पड़ता है, कई बार घर का माहौल ऑफिस के कार्य के लिए सही नहीं होता है। भारत और अन्य देशों में लॉकडाउन के नियमों में ढील देते हुए जरूरी कदम उठाए गए हैं। गृह मंत्रालय ने ऑफिस को लेकर भी जरूरी दिशा निर्देश जारी किए हैं। 


फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने गुरुवार को एक लाइव-स्ट्रीम स्टाफ बैठक में कहा कि कंपनी कई कर्मचारियों को स्थायी रूप से घर से काम करने की अनुमति देगी। उन्होंने कहा कि अगले एक दशक के भीतर घर से 45,000 से अधिक फेसबुक कर्मचारी काम कर सकते हैं।
माइक्रोसॉफ्ट ( Microsoft) ने कर्मचारियों को अक्टूबर तक घर से काम करने की अनुमति दी है, जबकि गूगल (Google) ने कहा है कि इस साल के अंत तक विकल्प खुला था। हालांकि घर पर काम करने से सेहत पर भी असर दिख रहा है। लोगों में आलस की प्रवृति बढ़ रही है। उन्हें शारीरिक तौर पर भी सामना करना पड़ रहा है। 


कुछ निजी कंपनियों ने भी महामारी के अनुकूल अपनी कार्य संस्कृति को बदलने के लिए कदम उठाए हैं। उदाहरण के लिए, टेक दिग्गज ट्विटर, कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति देने वाली पहली वैश्विक कंपनियों में से एक थीं। 12 मई को प्रकाशित एक ब्लॉग पोस्ट में, ट्विटर पर पीपुल्स टीम के नेता जेनिफर क्रिस्टी ने कहा, "बहुत कम अपवादों के साथ", कार्यालय सितंबर से पहले नहीं खुलेंगे और 2020 के अंत तक कोई व्यक्ति-कंपनी की घटनाएं नहीं होंगी बाद में, सीईओ जैक डोरसे ने कहा कि वह कर्मचारियों को घर से स्थायी रूप से काम करने का विकल्प देगा। हालांकि आर्थिक स्तर पर कई चैलेंज सामने आए हैं । सैलरी में कटौती की गई है। भारत के कई राज्यों में तो श्रम कानूनों में मनचाहा बदलाव कर दिया गया है। 



हालांकि भारत में स्थित कंपनियों को थोड़ा माहौल बनाना होगा, जिससे आभासी दुनिया में कार्य कराया जा सके और जो घर पर ही ऑफिस जैसा सुविधाजनक हो। भारत में इस समय एक महामारी के दौरान नौकरियों को स्थानांतरित करने के इच्छुक पेशेवरों के लिए, पहले यह आकलन करें कि आप क्या बदलाव करना चाहते हैं और यदि आप अपनी वर्तमान कंपनी में इसे प्राप्त कर सकते हैं। ध्यान रखें कि यदि आप अच्छे संगठन में हैं, तो कंपनी के भीतर अपना करियर बनाने के लिए हमेशा आंतरिक गतिशीलता का विकल्प होता है। यह आपके लिए सबसे अच्छा विकल्प है क्योंकि आपके सहकर्मी आपकी स्काइलेट और क्षमताओं से अवगत हैं। उद्योगों में बदलाव करना फिलहाल थोड़ी चुनौती होगी। इस तथ्य पर विचार करें कि यदि आप एक कंपनी के साथ सही क्षेत्र में हैं जो बढ़ रही है, तो आप एक पेशेवर के रूप में विकसित होंगे। क्या भारत आगामी चुनौतियों के लिए तैयार है, सवाल वहीं आकर खड़ा हो जाता है, आखिर में .....


 


(ये लेखक के अपने व्यक्तिगत विचार हैं)


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