हाथरस। इलाके के लोगों में उस समय दहशत घर करती चली गई, जब उत्तरप्रदेश में एक प्रवचन के दौरान भगदड़ मचने से करीबन 122 लोगों की मौत की पुष्टि की गई। घटना जिले के सिकंदराऊ कस्बे की है। उत्तरप्रदेश के प्रमुख सचिव मनोज कुमार ने इन मौत के आंकड़ों की पुष्टि की है। इस सत्संग की तैयारी कई वक्त से चल रही थी, और यह पंडाल आठ दिन में बनकर तैयार हुआ था। आयोजनकर्ताओं ने प्रशासन को बताया था कि सत्संग में अस्सी हज़ार लोग पहुंचेंगे लेकिन संख्या इससे ज्यादा थी।
चश्मदीदों ने Ladai Jari Hai Media संस्थान को बताया कि भगदड़ का कारण बाबा की चरण रज लेने की होड़ के चलते हुई है।
इसके आलावा जानकारी मिली कि दो जुलाई को साकार सरकार का सत्संग चल रहा था। इसी दौरान यह हादसा हुआ। घटना के बाद प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया।
हाथरस हादसे पर हेल्प लाइन नंबर 9259189726, 9084382490...
घटना के बाद प्रधानमन्त्री और राज्य के मुख्यमंत्री ने दुख जताते हुए, हर संभव मदद करने की घोषणा की है। घटनास्थल फुलरई गांव बताई गई है।
घटना का अहम कारण इलाके में हुई बारिश और फिसलन को बताया जा रहा है। साथ ही साकार सरकार उर्फ भोले बाबा के सत्संग में मीडिया की एंट्री बैन रहती है, और बाबा मीडिया में भी अपने सत्संग का ज्यादा प्रचार नहीं करते हैं।
घटना के बाद लाशों का ढेर लग गया। सभी पीड़ित और मृतकों को CHE ले जाया गया था, मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो देखते ही देखते CHE में लाशों का ढेर लग गया था।
साकार सरकार अपने आप को भगवान शिव का प्रतिनिधित्व बताते हैं । उनका पूरा नाम सूरजपाल जाटव है। वह UP पुलिस में कांस्टेबल थे, लेकिन छेड़खानी के आरोप में उन्हें पुलिस विभाग से बर्खास्त कर दिया गया था। इसके बाद नौकरी बहाली के बाद VRS लेकर सत्संग के काम में उतर गए।
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