सीहोर। सीहोर की झरखेड़ा ग्राम पंचायत में गबन और भ्रष्टाचार के मामले ने तूल पकड़ लिया है। यहां IAS रैंक अधिकारी के आदेश के बाद भी FIR दर्ज नहीं की गई है। यह आदेश पंचायत जिला सीहोर की तरफ़ से जारी किया गया है।
क्या है पूरा मामला: जिला पंचायत के CEO ने तीस जुलाई को आदेश दिए थे। इसके तहत झरखेड़ा पंचायत की पूर्व सरपंच सविता विश्वकर्मा, पंचायत सचिव मनोहर सिंह पर FIR दर्ज करवाई जानी थी। मामला 17 दुकानों के निर्माण से जुड़ा है। इधर दो महीने गुजर गए, लेकिन किसी तरह के आदेश का पालन नहीं किया गया।
साल 2022 में इन सभी दुकानों का निर्माण कराया गया। इसमें कई तरह की वित्तीय गड़बड़ी और नियमों के उल्लंघन की बात जांच में सामने आई। इधर FIR के निर्देश के बाद भी ज़िम्मेदार अधिकारी पूरे मामले पर चुप्पी साधे बैठे रहे। जांच जिला पंचायत की तरफ़ से ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा कराई गई थी।
जांच में क्या हुआ था खुलासा?: पूरी जांच में कई तरह की बातें सामने आईं थी। इनमें दुकानों के निर्माण में शासकीय भूमि आवंटन की कार्रवाई न करना, राजस्व रिकार्ड में दुकान निर्माण की भूमि की जानकारी नहीं होना, तकनीकी प्रशासकीय स्वीकृति एवं मूल्यांकन संबंधी अभिलेख ग्राम पंचायत में उपलब्ध न होना, दुकानों के वितरण की प्रक्रिया की जानकारी नहीं होना। इस तरह के कई तरह की लापरवाही जांच रिपोर्ट में सामने आई थी। इसके अलावा ज्यादा राशि लेकर कम राशि की रसीद देकर गबन की बात भी सामने आई है।
कांग्रेस को मिला घर बैठे मुद्दा: इधर, कांग्रेस जिला अध्यक्ष राजीव गुजराती ने बताया कि इन दिनों जिले की कई ग्राम पंचायत में भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन सख्त कार्रवाई का अभाव बना हुआ है। यहां तक झरखेड़ा का मामला है, इस मामले में IAS रैंक के अधिकारी के आदेश को नजरंदाज करना आश्चर्यजनक है।
© Ladai Jari Hai Media Organisation/Sehore News/ Latest Update
Ladai Jari Hai Hindi News
सीहोर
सीहोर न्यूज़
सीहोर पंचायत में घोटाला
Ladai Jari Hai
Rajeev Gujarati
Sehore Congress
sehore news
Sehore Panchayati Gaban