भोपाल (सुयश भट्ट) मध्यप्रदेश में बारिश से खुले में रखा लाखो कुंटल गेंहू बर्बाद हो गया। इसके बाद से प्रदेश की सियासत गरमा गई है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सरकार पर अव्यवस्था का आरोप लगाया है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के अनुसार प्रदेश के अन्नदाता ओं का गेहूं सरकार की लापरवाही एवं कुप्रबंधन के कारण बर्बाद हुआ है। प्रदेश सरकार व्यवस्थाओं के नाम पर लापरवाह एवं प्रशासनिक रूप से अक्षम है।
इसके बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आरोपों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि इस तरह की बारिश के कारण प्रतिवर्ष कुछ ना कुछ गेहूं हमेशा गीला हो जाता है ।पिछले वर्ष भी कमलनाथ सरकार के दौरान गेहूं गीला हो गया था परंतु बाद में सूख गया । इसमें कोई नई बात नहीं है, हमें प्रदेश के किसानों की फसल की चिंता है । एवं हर तरह की व्यवस्थाएं सुचारू रूप से चालू है ।
मध्यप्रदेश में जो खरीदी केंद्र बनाए गए हैं , उन खरीदी केंद्रों में त्रिपाल की व्यवस्था सही समय पर नहीं होने के कारण उपरोक्त गेहूं भीगने की लगातार शिकायतें सामने आई है । एक जानकारी के अनुसार भोपाल संभाग के कई सरकारी गोदामों में बाहर रखा हुआ लगभग एक लाख कुंटल गेहूं 2 से 5% भीगा है । वहीं दूसरी और भोपाल में 13000 कुंटल की जानकारी सहित उज्जैन में 200000 कुंटल देवास में 50000 टन गेहूं की भीगने से संबंधित जानकारी सामने आई है। ऐसी ही स्थिति ग्वालियर चंबल संभाग से सामने आई है परंतु यहां पर स्थापित किए गए गेहूं विक्रय केंद्र के गोदामों के बाहर रखा हुआ 300000 कुंटल गेहूं भीगा है ।
ग्वालियर चंबल संभाग के लगभग 40 से अधिक विक्रय केंद्र के बाहर गोदामों में गेहूं का नुकसान भीगने के कारण अधिक हुआ है । शिवपुरी जिले , सहित शिवपुर ,मुरैना ,भिंड ,ग्वालियर ,दतिया एवं आसपास के अन्य जिले जिसमें अशोक नगर एवं गुना शामिल है ।
भोपाल में खरीद केंद्र के कर्मचारियों का कहना है कि उच्चाधिकारियों ने तिरपाल नहीं भिजवाई। पिछले दिनों कलेक्टर ने अफसरों को निर्देश दिए थे कि बारिश की संभावना को देखते हुए खुले में रखे गेहूं को अच्छे से ढंक दिया जाए। जहां गेहूं रखा है वहां से पानी की निकासी की व्यवस्था की जाए। लेकिन अफसरों ने इस पर भी ध्यान नहीं दिया।
भोपाल में वाटरप्रूफ टेंट की व्यवस्था न होने से साढ़े 12 हजार टन गेूहं भीग गया। जबकि उज्जैन में करीब दो लाख टन, देवास में 47 हजार टन, धार में 68 हजार टन, शाजापुर में 60 हजार टन, राजगढ़ में 15 हजार टन, विदिशा में 11 हजार टन, झाबुआ में चार हजार टन और रायसेन में दो हजार टन गेहूं भीगने की सूचना है।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति के प्रमुख सचिव शिवशेखर शुक्ला का कहना है कि हमारे पास सभी जिलों से रिपोर्ट आ गई है, कहीं कोई नुकसान नहीं हुआ है। एमडी, भोपाल जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के मुताबिक, गेहूं भीगने के लिए सहकारिता विभाग ही जिम्मेदार नहीं है। इससे जुड़े अन्य विभाग भी जिम्मेदार है, अगर भीग भी गया तो सुखाएंगे। कितना नुकसान हुआ, यह अभी बताना संभव नहीं है ।